मूलांक 8
शनि मूलांक 8 का स्वामी ग्रह हैं। ऐसे में यदि आपका जन्म 8, 17, 26 तारीख में हुआ है तो आपका मूल्यांक 8 होगा। आपके जन्म दिनांक, मास और वर्ष का जोड़ मूल्यांक कहलाता है। आपके पूरे नाम के जोड़ को भी मूलांक ही कहेंगे जो की उतना ही कारगर है जितना आपकी तारीख का। मूलांक 8 के जातकों के लिए मूलांक 5 और 6 मित्र अंक तथा 1, 2, 4 और 7 शत्रु अंक होते हैं। इस प्रकार मूलांक 8 वालों के लिए मई अगस्त और नवंबर का महिना बेहद शुभकारी माना जाता है। वहीं सप्ताह के बुधवार, शुक्रवार और शनिवार का दिन अच्छा माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार वर्ष के उपरोक्त महीने की सम्बन्धित तारीख, दिन एक समय में होते हैं और उस दौरान किसी कार्य की शुरुआत की जाए तो वह आपके लिए बेहद लाभकारी साबित होती है।
आप लोग शनि से जुड़े होने के कारण जीवन में जो भी पाते है वो धीरे धीरे ही पाते है। एकदम से कुछ भी नहीं प्राप्त होता है । अगर हो भी जाए जो वो ज्यादा देर तक जीवन में टिकता नहीं है। आप परिश्रम करने से बिलकुल भी नहीं डरते हैं । यही आपकी जीवनशैली है की आप लदते हुए सफलता पा जाते है। हालांकि निराश ज़रूर हो जाते हो आप लोग जब मन मुताबिक जीवन में परिणाम नहीं मिलता है। आलस अगर आप त्याग देतें है तो आपको लगभग जीवन भर सफलता ही मिलती जाएंगी। आपके आदान प्रदान के कारण आपका नाम यश किर्ति हमेशा ऊपरी स्तर भी रहती है ऐसा देखा गया है। मूलांक 8 के जातकों के लिए आलस सबसे बड़ा शत्रु होता है। शनि के कारण आलस ही इनकी असफलता का कारण होता है। इसके लिए मूलांक 8 के जातक किसी भी कार्य में लापरवाही न करके कल पर न टालें तो बेहतर होगा।
मूलांक 8 के जातकों की कार्यशैली हर कोई समझने में असमर्थ होता है। इनके अन्दर दिखावे की प्रवृत्ति कम रहती है, इस कारण इनको कुछ लोग रूखा, शुष्क और कठोर हृदय समझते हैं। कई जातक घमंडी में कहते हैं। ये ज़्यादातर समय में अपने काम से ही मतलब रखते हैं एवं कोशिश होती है कि काम में ही लगे रहें। लेकिन इनके इस व्यवहार के कारण आलोचक भी अधिक होते हैं। किसी भी कार्य में कितना भी श्रम, त्याग या बलिदान करना पड़े ये पीछे नहीं रहते। इसी कारण रुकावटों को पार करते हुये अपनी मंजिल अवश्य प्राप्त करते हैं। शनि प्रभावी व्यक्ति, संघर्षशील एवं परिश्रमी होते हैं तथा विघ्नों को पार करते हुये उन्नति करने के कारण इनको सफलता देर से लेकिन स्थायी प्राप्त होती है।
मूलांक 8 के जातक अपने को एकाकी असफल तथा उदासीन माना करते है। इस अंक वाले कोई भी दिखावटी कार्य या बाहरी प्रेम नहीं रखते -क्योंकि बहुत लोग इन्हें निराश और कठोर समझते हैं । परन्तु वास्तव में ये ऐसे नहीं होते। ये लगन के सच्चे और धुन के पक्के होते हैं। इन्हे अपने कार्य की पूर्णता एवं सफलता का विशेष ध्यान रहता है। इस प्रकार यदि कोई व्यक्ति इनसे शत्रुता भी करे तो ये लापरवाह रहकर अपने अपेक्षित लक्ष्य पर बढ़ते जाते हैं। ये उच्च कोटि के महत्वाकांक्षी होते हैं और उच्च पद की प्राप्ति हेतु अथवा सरकारी नौकरी आदि के लिए, यदि कष्ट उठाना पड़े अथवा कोई त्याग करना पड़े तो उसके लिए भी तैयार रहते हैं। मूलांक 8 के जातकों को गहरा, भूरा, काला, गहरा नीला, काकरोजी, जामुनी, हरा और सफेद रंग बेहद प्रभावशाली एवं शुभ सूचक हैं। इनकी दक्षिण, दक्षिणपूर्व एवं दक्षिणपश्चिम दिशाएँ शुभ एवं लाभादायक तथा उन्नति कारक मानी जाती हैं। ऐसे जातकों को जिगर, पित्त और आँखों से सम्बन्धित रोग होने का खतरा रहता है। इसके अतिरिक्त सिरदर्द और गठिया की भी बीमारी होने की आशंका रहती है।
इस अंक के जातक अपने मित्रों का विश्वास भी जीत लेते हैं। सट्टा, रेस, पत्ता आदि में ये अच्छा पैसा प्राप्त करते हैं। ये पैसे की बात में अच्छे हिसाबी होने से किफायती भी होते हैं। सुख, शांति के लिए एकांतवास में रहते हुए दिखायी देते हैं। जिससे जब-जब मानसिक स्थिति बराबर न हो तब अकेले घर में बैठे रहते हैं। बातचीत करने में कुशल होते हैं। तर्क में अच्छे तर्कशास्त्री होते हैं तथा दूसरे को सुख नहीं देते और स्वयं भी सुख नहीं प्राप्त करते। इन लोगों को गरीब और दुःखी के प्रति अच्छी सहानुभूति होती है, जिससे ये लोग उनकी मदद करने के लिए उपस्थित रहते हैं। ये आध्यात्मिक विषयों में बेहद रुचि पसंद होता हैं, जिससे उनमें अच्छी धार्मिक मनोवृत्ति देखने को भी मिलती है इन लोगों को होशियार तथा समझदार और अच्छे लोग बहुत पसंद होते हैं। इनके अंदर एक कमी होती है क्योंकि ये छोटे लोगों के साथ अपना बर्ताव खराब रखते हैं जिसके कारण उनसे दुश्मनी रहती है।
मूलांक 8 के जातकों में कुदरती सौंदर्य, कला, संगीत के प्रति अच्छी रुचि होती है पर्यटन के अच्छे स्थलों पर घूमने का शौक भी होता है। इन लोगों को शनिदेव की पूजा नित्य करनी चाहिए इन लोगों की समझ में कोई ऐसी वैसी बात आ जाए, तो उसके पीछे सावधानी पूर्वक लग जाते हैं। ऐसे लोगों को उलझनपूर्ण काम मिले तो उसका समाधान कर देते हैं। इन लोगों को मस्तक व जठर और रीढ़ की बीमारी से सावधान रहना चाहिए। कई बार ये लोग चिडचिड़ा स्वभाव के भी होते हैं। इन लोगों का भाई बहनों से बहुत कम बनता है तथा समाज में भी इनका मेलजोल कम होता है।
मित्र राशि (Favorable Sign) – वृषभ, मिथुन , तुला और कन्या
शुभ अक्षर (Favorable Alphabets) – प वर्ग (पूरा)
शुभ दिशा (Supportive Direction) – पश्चिम और दक्षिण
इष्ट देव (Ruling Deity) – श्री शनि देव
व्रत दान (Fast-Donation) – शनिवार को व्रत और काले वस्त्र, तिल दान करें
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